18 प्रेम होबै तो डर नईं रैत, कायसे पूरो प्रेम डर हां दूर कर देत आय, कायसे भय से दुख होत आय, जौन भय राखत मानो उन में पूरो प्रेम नईंयां।
पर फरीसी कहन लगे, बो तो दुष्ट आत्मन के मुखिया की मदद से दुष्ट आत्माओं हां काड़त आय।
कायसे तुम हां पाप करत रैबे की आत्मा नईं मिली, कि फिन डराओ परन्त बेटा लरका की आत्मा मिली आय, जीसे हम हे दद्दा, हे पिता कै कें टेरत आंय।
हम हां डरने नईंयां, कायसे परमेसुर ने हम हां प्रेम और बस भर काम करबे को भय दओ आय।
सो हम परमेसुर की जय मानें, कि हम हां ऐसो राज मिलो जौन हल नईं सकत, उनके राज में हम उनको गुनगान करें, और उन हां मान देबें जीसे बे खुस रैबें।
तोय बिसवास आय कि एकई परमेसुर आय: तोरो जौ बिसवास नोंनो आय, दुष्ट आत्मा सोई जौ बिसवास करत आंय, और कांपत आंय।
परमेसुर हां कोई मान्स ने कभऊं नईं तको; जब हम एक दूजे से प्रेम करत आंय, तो मानो परमेसुर हमाए भीतर बने रैत आंय; और उनको प्रेम हमाए भीतर भरो रैत आय।