तुम अपने बाप शैतान से आव, और अपने बाप की मनकी बात हां पूरो करबो चाहत आव। बो तो शुरु से हत्यारो आय, और सत्य पे टिको नईं रओ, कायसे सत्य ऊ में हैई नईंयां: जब बो झूट बोलत आय, तो अपने गुन से बोलत आय; कायसे बो झूटो आय, और झूट कौ बाप आय।
धरम को भेद बड़ो आय ईको ध्यान धरियो; बो सरीर में होकें संसार में आओ जा बात आत्मा ने बताई, और सरगदूतन ने संसार मैं ईको परचार करो, मान्सन ने ऊ पै बिसवास करो और बो सरग पै उठा लओ गओ।
और जब हम बिसवास धरबेवारे मान्स देह धरें आंय, सो ऊ ने भी मान्स देह धरी और हमाए जैसो हो गओ; बो मर गओ कि शैतान छलिया हां बरबाद कर दे, जीहां मौत में अधकार मिलो आय।
ऐसई तो पता पड़त आय कि कौन शैतान छलिया, और कौन परमेसुर के मानबेवारे आंय; जौन धरम की गैल नईं चलत, बो परमेसुर को मानबेवारे नईंयां, और न ऊ जनो, जौन अपने भईया से प्रेम नईं करत।
और उनको भरमाबे वालो शैतान छलिया आग और गन्धक से बरत झील में, जी में बो जनावर और लबरा अगमवकता सोई हुईये, ऊ में डाल दओ जै है, और बे सबरे रात दिना पिराते से तड़पत रै हैं।