22 मैं कमजोर मान्सन के लाने कमजोर बन गओ, कि कमजोर जन हां ऐंच लाओ, मैं सबरे मान्सन के लाने सबई कछु बनो आंव, कि कोऊ न कोऊ परकार से बिलात जनन कौ तरन तारन कराओं।
जीसे कोऊ भांत से अपने नातेदारन में जलन पैदा करवा के उन में से कैऊ अन कौ उद्धार करवाओं।
जौन बिसवास में कमजोर होबै, उन हां अपनी संगत में ले लेओ; परन्त उन के सक सन्देह पर बतकाओ के लाने नईं।
कायसे एक हां बिसवास आय, कि सबई कछु खाबो सई आय, परन्त जौन बिसवास में कमजोर आय, ऊ साग पात ही खात आय।
हम जौन धार्मिक बातन के मानबे में पक्के आंय, हम उन की जौन अपने आचरण में कमजोर आंय उन की सहें; जौ नईं कि हम अपने हां खुसी करें।
हम अपने अपने पड़ोसी की भलाई करके ऊए खुस करें कि बो बढ़े।
जैसो मैं सोई सबरी बातन में सबरन को खुस राखत आंव, और अपनो नईं, परन्त बिलात जन कौ फायदा सोचत आंव, कि बे तरन तारन पाबें।
कायसे हे बईयर, का तोहां पता आय, कि तें अपने मुन्स कौ तरन तारन करा लै है? और हे भईया, तोहां पता आय, कि तें अपनी घरवारी कौ तरन तारन करा लै है?
ई काजें जदि खैबो मोरे भईया हां ठेस खबाए, तो मैं कभऊं कोऊ भांत से मांस न खै हों, न होबे कि मैं अपने भईया को उपटा कौ कारण बनों।
कायसे सबरे बन्धनों से छूटबे पे सोई मैंने अपने आप हां सबरन कौ चाकर बना दओ आय; कि बिलात जन हां ऐंच लाओं।
मैं सब कछु भले सन्देसे के लाने करत आंव, कि मैं दूसरन कौ संग्गी बन जाओं।
कौन की कमजोरी से में परेसान नईं होत? और कौन के उपटा खाबे से मोहां पिरातो नईं होत?
भईया हरौ, कोऊ मान्स कोई गलती में पकड़ो जाए, तो तुम जौन आत्मिक आव, तो नरमाई से ऐसे हां संभालो, और अपने हां चौकन्ने राखो कि गिर न जाओ।