21 नैम व्यवसथा न मानबेवारन के लाने मैं (जौन परमेसुर की नैम व्यवस्था के बिना नईं, परन्त मसीह की नैम व्यवस्था के अधीन आंव) बिना नैम व्यवस्थावारो बनो, कि बिना नैम व्यवस्थावारन हां ऐंच लाओं।
जिते लौ भरोसेमन्द गैर यहूदियन कौ नाता आय, हम ने उनहां जौ सार लिख के पठैव आय, की बे मूरतन के आंगू बलि करे भए मांस से, और खून से, और गले घोंटे भए के मांस से, और दुराचार से बचे रएं।
ई लाने जिन ने बिना नैम व्यवस्था के पेंला पाप करो, बे बिना नैम व्यवस्था के नास सोई हुईयें, और जिन ने नैम व्यवस्था पाके पाप करो, उन को दण्ड व्यवस्था अनसार हुईये।
फिन दूसरी जातनवारे जिन लौ नैम व्यवस्था नईंयां, स्वाभाव से नैम व्यवस्था की बातन पे चलत आंय, तो नैम व्यवस्था उन लौ न होबे पे बे अपने लाने खुद नैम व्यवस्था आंय।
हमाए पिरभु यीशु मसीह के द्वारा परमेसुर कौ धन्नबाद होबै: ई लाने मैं आपनी बुद्धि समज से तो परमेसुर की नैम व्यवस्था कौ, पर देयां से पाप अधर्म की नेम व्यवस्था कौ पालन करत आंव।
पिरभू कैत आय, कि अब जौन कौल मैं उन के संग्गै बांध हों, बा ऐसी आय, कि मैं अपने नैम हां उनके हिये और जी में डाल हों, और बे औरें मोरे जनें हुईयें और मैं उन को परमेसुर हुईयों।