कायसे जदि कोऊ तोय ज्ञानी हां मूरत के मन्दर में खात तके, और ऊ कमजोर मान्स होबै, तो का ऊ की समज में मूरत के सामूं बलि करी भई बस्त के खैबे की हिम्मत न हो जै है।
मैं कमजोर मान्सन के लाने कमजोर बन गओ, कि कमजोर जन हां ऐंच लाओ, मैं सबरे मान्सन के लाने सबई कछु बनो आंव, कि कोऊ न कोऊ परकार से बिलात जनन कौ तरन तारन कराओं।
पर मोय तोसे कछु बातें कहने आय, कायसे तोरे इते कछु तो ऐसे आंय, जो बिलाम की शिक्षा को मानत आंय, जीने बालाक हां इस्राएली लोगन के सामूं ठोकर कौ कारन रखबो सिखाओ, कि मूरतन हां चढ़ाओ भओ भोजन खाबें, और व्यभिचार करें।