7 परन्त सबरन हां ऐसो ज्ञान नईंयां; परन्त कितेक जनें अब लौ मूरत हां कछु समजबे के कारण मूरतन के सामूं बलि करी गई कछु बस्त जानके खात आंय, और उन कौ हिया कमजोर होकें असुद्ध होत आय।
हे मोरे भईया हरौ, मैं खुद तुमाए बारे में पक्के से जानत आंव, कि तुम सोई आप ही भलाई से भरे और पिरभु परमेसुर की समज से भरेपूरे आव और एक दूजे हां चिता सकत आव।