11 ई परकार से तोरी समज के काजें बो कमजोर भईया जीके लाने मसीह मरो, नास हो जै है।
ऊ रोटी के लाने मेहनत नईं करो जौन नास हो जात आय, परन्त ऊ रोटी के लाने जौन अनन्त जीवन लौ बनी रहत आय, जीहां मान्स कौ पूत तुम हां दै है, कायसे बाप यानि परमेसुर ने ओई पे अपनी छाप लगाई आय।
जदि तोरो भईया तोरे खैबे के काजें सोच में पड़त आय, तो फिन तें प्रेम के चलन में नईं चलत: जीके लाने मसीह मरो ऊहां तें अपने खैबे से नास न कर।
जैसो मैं सोई सबरी बातन में सबरन को खुस राखत आंव, और अपनो नईं, परन्त बिलात जन कौ फायदा सोचत आंव, कि बे तरन तारन पाबें।
ई काजें जदि खैबो मोरे भईया हां ठेस खबाए, तो मैं कभऊं कोऊ भांत से मांस न खै हों, न होबे कि मैं अपने भईया को उपटा कौ कारण बनों।
सो मूरतों के सामूं बलि करी भई बस्तों के खाबे के बारे में -- हम जानत आंय, कि संसार में मूरत कछु बस्त नईंयां, और एक हां छोड़ कोऊ और परमेसुर नईंयां।