7 मैं जौ चाहत आंव, कि जैसो मैं आंव, ऊंसई सबरे मान्स होबें; परन्त सबरन हां परमेसुर कुदाऊं से न्यारे न्यारे बरदान मिले आंय; कोऊहां कोऊ भांत कौ, और कोऊहां और कोऊ भांत कौ।
तब लाबान ने कई, “तोरे कैबे के अनसार होए।”
पौलुस ने कई, परमेसुर करे, चाए तनक या बिलात बेरा में, न केवल तें, पर बे सबरे सोई जौन आज मोरी सुन रए आंय, इन बंधनों हां छोड़, बे मोरे घांई हो जै हैं।
और जब ऊ दया किरपा के अनसार जौन हम हां दओ गओ आय, हम हां अलग अलग बरदान मिले आंय, तो जीहां अगमवानी कौ दान मिलो होबै, बो बिसवास से ऊके अनसार अगमवानी करे।
परन्त जे सबरे असरवारे काम ओई एक आत्मा करवात आय, और जिये जो चाहत आय ऊ बांट देत आय।
बरदान तो कुल्ल भांत के आंय, परन्त आत्मा एकई आय।
परन्त मैं बिना ब्याओवारन और बिधवाओं के लाने कैत आंव, कि उन के लाने ऐसई रैबो साजो आय, जैसो मैं आंव।
परन्त मैं इन में से कोऊ बात काम में न लाओ, और मैंने जे बातें ई लाने नईं लिखीं, कि मोरे लाने ऐसो करो जाए, कायसे ई से साजो तो मोरो मरबो भलो आय; कि कोऊ मोरो घमण्ड अकारथ ठैराबे।
का हम हां जौ अधकार नईंयां, कि कोई मसीही बिन्नु हां ब्याओ कर के लएं फिरें, जैसो और चेले और पिरभु के भाई और कैफा करत आंय?