और मैं तुम से कहत आंव, कि जो कोऊ व्यभिचार हां छोड़ और कौनऊ कारन से, अपनी घरवारी हां छोड़ छुट्टी देके, दूसरी से ब्याव करत आय, तो बो व्यभिचार करत आय: और जो ऊ छोड़ी भई से ब्याव करत आय, बो भी व्यभिचार करत आय।
तुम एक दूजे से न्यारे होकें न रओ; परन्त कछु बेरा लौ आपस की राजी खुसी से कि बिन्तवाई के लाने कछु टैम मिले, और फिन एक संग्गै रओ, ऐसो न होबै, कि तुमाए न्यारे होकें रैबे से शैतान छलिया तुम हां परखे।