36 और जदि कोऊ जौ समजे, कि मैं अपनी ऊ कुंआरी कौ हक्क मार रओ आंव, जी की जवानी ढल रई आय, और ऊ सोचे कि ऊकौ ब्याओ होबो चईये, तो जैसो चाए, ऊंसो कर, ईमें पाप नईंयां, बो ऊकौ ब्याओ होन देबे।
जा बात तुमाए लाभ के लाने कैत आंव, जौ नईं कि तुम हां फांस लेंओं, परन्त ई लाने कि जैसो नोंनो आय, ऊंसई करो जाबे; कि तुम एक हिये के होकें पिरभु की सेवा में लगे रओ।
परन्त जौन हिये में पक्को रैत आय, और ऊहां ब्याओ करे हां मन्सा न होबे, बो मन्सा पूरी करबे कौ अधकार राखत आय, और जौन कोऊ ने अपने अपने हिये में पक्को कर लओ होय, कि मैं अपनी कुंआरी हां बिना ब्याओ रैन दे हों, बो साजो करत आय।