ब्याओवारी और बिना ब्याओवारी में सोई भेद आय: बिना ब्याओवारी पिरभु के सोच में रैत आय, कि बो देयां और आत्मा दोईयन में पवित्तर होबै, परन्त ब्याओवारी संसार के सोच में रैत आय, कि अपने मन्सेलु हां खुस राखै।
ऊंसई हे मन्सेलू हरौ, तुम सोई समजदारी से बईयरन के संग्गै जीवन बिताओ और बईयर हां अबला जान के ऊकौ मान करौ, और जौ समज के, कि तुम दोई जीवन के बरदान के हक्कदार आव, जीसे तुमाई बिन्तवाई रुक न जाबै।