28 परन्त जदि तें ब्याओ सोई करे, तो पाप नईंयां; और जदि कुंआरी ब्याही जाबै तो कछु पाप नईंयां; परन्त ऐसन हां देयां की पीड़ा हुईये, और मैं बरकाओ चाहत आंव।
पर मैं तुम से जौ कहत आंव कि जौन कोनऊं ब्याभिचार के कारन अपनी घरवारी हां छोड़ छुट्टी देत आय, तो बो ऊसे ब्याभिचार करात आय; और जो कोऊ छोड़ छुट्टी वारी से ब्याव करत आय, बो सोऊ ब्याभिचार करत आय।
सो मोरी समज में जौ साजो आय, कि ई दिना में पीड़ा के काजें मान्स जैसो आय, ऊं सई रैबे।
जदि तोरी घरबारी आय, तो ऊसे अलैदा होबे कौ जतन न कर: और जदि तोरी घरवारी नईंयां, तो बईयर हां न खोज।
हे भईया हरौ, मैं जौ कैत आंव, कि बेरा हां घटा दओ गओ आय, ई लाने चईये कि जिन की घरवारी होबे, बे ऐसे होबें मानो कि उन की घरवारी नईंयां।
मैं परमेसुर हां जान के जौ कैत आंव, कि मैं अबै लौ कुरिन्थुस में ईसे नईं आओ, कि मोहां तुम पै दया आत हती।
ब्याव हां आदर की बात सोचो, और ब्याव में अपनी संग्गी हां धोखो न दईयो; कायसे एक दिना परमेसुर परतिरिया संगत करबेवारन को न्याय कर हैं।