27 जदि तोरी घरबारी आय, तो ऊसे अलैदा होबे कौ जतन न कर: और जदि तोरी घरवारी नईंयां, तो बईयर हां न खोज।
हर एक जन जैसो बुलाओ गओ होय, ऊं सई रैबे।
सो मोरी समज में जौ साजो आय, कि ई दिना में पीड़ा के काजें मान्स जैसो आय, ऊं सई रैबे।
परन्त जदि तें ब्याओ सोई करे, तो पाप नईंयां; और जदि कुंआरी ब्याही जाबै तो कछु पाप नईंयां; परन्त ऐसन हां देयां की पीड़ा हुईये, और मैं बरकाओ चाहत आंव।