15 कोऊ जनो जौन बिसवास न धरत होबे, तो छोड़ छुट्टी हो जान देओ, ऐसे में कोऊ भईया या बिन्नू हां कोऊ बन्धन नईंयां; परन्त परमेसुर ने हम हां मेल जोल हां टेरो आय।
कायसे जौन कोऊ मोरे बाप हां जौन सरग में आय उनकी मनसा पूरी करत आय, ओई मोरो भईया और मोरी बहन और मोरी मताई आय।
और तक, एक दुष्टात्मा ऊहां पकड़त आय, और बो एकाएक चिल्या पड़त आय; और बो ऊहां मड़ोरत आय, और ऊ मों में फसूकर भर लात आय; और ऊ ए कुचल के मुसकल से छोड़त आय।
जिते लौ बन सके, तुम सब मान्सन के संग्गै मेल मिलाप से रओ।
ई लाने हम उन बातन में लगे रैबें, जिन से मेल मिलाप और एक दूसरे कौ सुधार होबे।
कायसे परमेसुर बिगाड़ करबेवारो नईंयां, परन्त सान्ति देबेवारो आय; जैसो पवित्तर मान्सन की सबरी समाजों में आय।
सो भईया हरौ, सुखी रओ; पक्के होत जाओ; हिम्मत राखौ; एक मन राखौ; जुड़के रओ, और प्रेम और सान्ति को दैबेवारो परमेसुर तुमाए संग्गै होबै।
अकेले आत्मा के फल प्रेम, आनन्द, मेल मिलाप, धीरज धरबो।
सबरे जनों से मेल राखो, और साजे रओ ईके बिना तुम परमेसुर हां न तक पा हौ।
जदि कोई भईया या बहन नंगे उगरारे होय, और उन हां रोजीना खैबे की कमी होबै।