12 और जन से पिरभु नईं, अकेले मैं कैत आंव, कि कोऊ भईया की घरवारी बिसवास न धरत होबे, परन्त ऊके संग्गै रैबे हां राजी होबे, तो बो ऊहां न छोड़े।
(और जदि अलैदा हो सोई जाबै, तो बिना दूसरो ब्याओ करे रैबे; या अपने मन्सेलू से फिन मेल कर लेबे) और न मन्सेलू अपनी घरवारी हां छोड़े।
और जदि कोऊ बईयर कौ मुन्स बिसवास नईं धरत होबे, परन्त ऊके संग्गै रैबे हां राजी होबे; तो बा अपने मन्सेलू हां न छोड़े।
कुंआरिअन के लाने पिरभु कौ कोऊ हुकम मोहां नईं मिलो, परन्त बिसवास जोग होबे के लाने जैसी किरपा पिरभु ने मो पे करी आय, ओई के अनसार सलाय देत आंव।
जदि तोरी घरबारी आय, तो ऊसे अलैदा होबे कौ जतन न कर: और जदि तोरी घरवारी नईंयां, तो बईयर हां न खोज।
परन्त मैंने जो कओ आय बो मोरी सलाय आय हुकम नईंयां।
ऐसे बेधड़क बड़े बोल जौन मैं कैत आंव बे पिरभू के बताए जैसे नोंईं अकेले मानो मूरख घाईं कैत आंव।