मैंने तीतुस हां समझा बुझा के और ऊके संग्गै ऊ भईया हां पठैव, तो का तीतुस ने कछु बेईमानी से तुम से कछु ले लओ? का हम एकई आत्मा से नईं चलें? का एकई गैल पै नईं चलें?
जैसे मैं जब दूसरी बेर तुमाए संग्गै हतो, मानो दूर रैत भए उन से जिन ने पेंला पाप करो, और दूसरे लोगन से अब पेंला से कय देत आंव, कि मैं फिन आहों, तो अब न छोड़ हों।
जा बात मैंने तुम हां ईसें लिखी, कि ऐसो न होबे, मैं जब आओं तो जिन से मोरो जी ठण्डो होबो चईये, उनई से मोरो जी टूटे; कायसे मैं जौ जानत आंव, कि जौन बात से मोरो जी ठण्डो होत, ओई तुमाओ सब कौ हाल आय।