का तुम नईं जानत, जीकौ हुकम मानबे हां तुम अपने आप हां चाकर घांई सौंप देत आव, ओई के चाकर आव: और जी की मानत आव, चाए पाप के, जीसे मौत मिलत आय, चाए हुकम मानबे से, जीकौ अन्त धार्मिकता आय।
जदि ओई कौ आत्मा जीने यीशु हां मरे भयन में से जिलाओ तुम में बसो आय; तो जीने मसीह हां मरे भयन में से जिलाओ, बो तुमाई मिटबेवारी देयां हां सोई अपने आत्मा से जौन तुम में बसो आय जिला है।
का तुम हां पता नईंयां, कि जौन न्याव बिलोरत आंय बे परमेसुर के राज में न जा पा हैं? ई धोखे में न रईयो, न बेश्या से संगतवारे, न मूर्ती पूजा करबेवारे, न दूसरे की तिरिया से संगत करबेवारे, न लुच्चे, न लुगुवा लुगुवा से संगत करबेवारे।
का तुम हां पता नईंयां? कि जौन पवित्तर बस्तन की चाकरी खुसामद करत आंय, बे मन्दर में से खात आंय; और जौन वेदी की सेवा करत आंय; तो जो कछु वेदी पे चढ़ाओ जात आय ओई में से खात आंय?
और मूरतन को परमेसुर के मन्दर में का काज? कायसे हम जियत परमेसुर के मन्दर आंय; जैसो परमेसुर ने कहो आय कि उन में बस हों और उन में घूम हों; और मैं उन को परमेसुर और बे मोरे जनें कहा हैं।
मोरे आबे में तनक अबेर हो जाबै, तो ध्यान धरियो, कि परमेसुर को घर, जियत परमेसुर की मण्डली आय, जौन सांचे को खम्भा और उठी नी आय; ईमें कैसो चलो चईये ईपै ध्यान धरियो।
हे पापीनिओ, का तुम नईं जानत, कि संसार से दोस्ती करबो परमेसुर से बैर धरबो आय? सो जो कोऊ संसार कौ दोस्त होबो चाहत आय, बो अपने आप हां परमेसुर कौ बैरी बनात आय।