ई तरहां पृथ्वी सें हरी घांस, छोटे-छोटे पौधे जिनमें अपनी-अपनी जाति के अनसार बीज होत आय और फलवारे पेड़ जिनके बीज एक एक की जाति के अनसार उनईं में होत आंय ऊगें: तब यहोवा परमेसुर ने हेरो कि नोंनो आय।
अब से मैं तुम हां गुलाम नईं कै हों, कायसे गुलाम नईं जानत, कि ऊ को मालक का करत आय, परन्त मैंने तुम हां संगी कहो आय, कायसे बे सब बातें जौन मैंने अपने बाप से सुनी आंय, तुम हां बता दईं आंय।