5 और मैं मकिदुनिया होकें तुमाए ऐंगर आहों, कायसे कि मोय मकिदुनिया होकें तो जाने आय।
जब जे बातें हो चुकीं, तो पौलुस ने अपनी आत्मा में मकिदुनिया और अखाया से होत भओ, यरूशलेम जाबे की ठानी, और कई, उते पोंचबे के पाछें मोय रोम हां भी जाबो जरूरी आय।
कायसे मकिदुनियां और अखया के बिसवासी जन हां जौ भलो लगो, कि यरूशलेम के पवित्तर मान्सन में गरीब भूखन के लाने कछु चन्दा जोड़ें।
और जदि मोरो जाबो नोंनो रै है, तो बे मोरे संग्गै चले जै हैं।
परन्त जदि पिरभु की मन्सा भई तो मैं तुमाए ऐंगर जल्दी आ हों, और घमंडियों की बातन को नईं, परन्त उन की बल सकती कौ पता कर लै हों।