51 हेरो, मैं तुम से भेद की बात कैत आंव: हम सबरे तो न मर हैं, पर सबरे बदल जै हैं।
और जदि मैं अगमवानी कर सकों, और सब भेदों और ज्ञान को समजों, और मोय इते लौ पक्को बिसवास होबे, कि मैं पहारवन हां हटा देओं, परन्त प्रेम न धरों, तो मैं कछु लौ नईंयां।
और जौन मसीह में बिसवास धरें मर गए, बे सोई नास भए।
परन्त सांचई मसीह मरे भयन में से जी उठो आय, और जौन सो गए आंय, उन में सब से पेंला जीबेवारो भओ।
फिन पांच सौ से अधक भाईयन हां एक संग्गै दिखाई दओ, जिन में से बिलात के अबै लौ जीयत आंय अकेले कैऊ बड़ा गए।
परन्त हम परमेसुर के ऊ ज्ञान की लुकी भई बातन हां बतात आंय, जाने के लुको भओ ज्ञान हां, जिए परमेसुर ने पेंला से हमाई बड़वाई के लाने ठैराओ।
मान्स हम हां मसीह के चाकर और परमेसुर की लुकी भई बातन के जानबेवारे मानें।
ई में तो हम गुहार भरत, और जा आस धरत आंय; कि अपने सरग के घर हां पहन लेबें।
ई डेरा में रैत बुझवा से दबे गुहार देत रैत आंय; कायसे हम उतारबो नईं, अकेले धरे रैबो चाहत आंय, कि जौन मरबेवारो आय बो जीवन में मानो डूब जाबे।
उन ने अपनी मरजी को लुको भेद हम हां अपने विचार से बताओ जीहां उन ने अपने मन में ठानो हतो।
जौ भेद मोहां जोत से मिलो, जैसो मैं पेंला थोड़े में लिख चुको आंव।
जा बात समझबे में मुसकल आय; परन्त जा बात यीशु मसीह और उनकी कलीसिया के लाने सोई आय।
जौन अपने बल से सबरी बस्तन हां अपने बस में कर सकत आय, हमाई ई देह को रूप बदल के, उनकी देह जैसो बना दें हैं।