तब मांझी ने ऊके लिगां आकें कई, “तें इतै गैरी नींद में पड़ो का कर रओ आय? उठ, अपने देवता हों पुकार! हो सकत आय कि तुमाओ देवता हमाई फिकर करै, और हमाओ नास नें होबै।”
और ई बेरा हां पैचान के ऐंसोई करो, ई लाने कि अब तुमाए लाने सोत से जाग जाबे की बेरा आ पोंची आय, कायसे जौन बेरा हम ने बिसवास करो हतो, ऊ बेरा के हिसाब से अब हमाओ उद्धार एकदम ऐंगर आय।
परन्त सबरन हां ऐसो ज्ञान नईंयां; परन्त कितेक जनें अब लौ मूरत हां कछु समजबे के कारण मूरतन के सामूं बलि करी गई कछु बस्त जानके खात आंय, और उन कौ हिया कमजोर होकें असुद्ध होत आय।