चट्टान पे के बे आंय, कि जब सुनत आंय, तो खुसी से बचन हां अपना तो लेत आंय, पर जड़ न पकड़बे से बे तनक देर हां बिसवास रखत आंय, पर जांच परख की बेरा डगमगा जात आंय।
कायसे जब परमेसुर के ज्ञान अनसार संसार ने ज्ञान से परमेसुर हां न चीनो तो परमेसुर हां जौ साजो लगो, कि ई परचार की मूरखता द्वारा बिसवास करबेवारन हां तरन तारन देबे।
सो तुम अपने बिसवास जौन तुम ने करो आय ऊ में पक्के बने रओ, और सुसमाचार सुने पै जौन आस तुमाई बढ़ी हती, जी को परचार ई संसार में भओ; जीहां मैं पौलुस ने तुम हां सुनाओ।