9 ऐसई तुम सोई जदि जीभ से साफ साफ बातें न कओ, तो जो कछु कओ जात आय, बो कैसे समजो जै है? तुम तो बैहर से बातें करबेवारे कहा हौ।
संसार में बिलात भांत की भाषाएं बोली जात होबें, परन्त उन में कोऊ बिना मतलब की नईं होत हुईंयें।
ई लाने मैं तो ई परकार से दौड़त आंव, परन्त ऐसो नईं कि ठिकानो न होबे, मैं सोई ऐई परकार से घूंसों से लड़त आंव, परन्त उन घांई नईं जौन हवा को पीटत भए लड़त आंय।