40 पर सबरी बातें सई भांत और नेम अनसार होबें।
मैं तुमसे अबै बिलात दूर आंव, पै आत्मा में होकें बिलकुल ऐंगर आंव, और मोहां खुसी आय कि तुम हां जैसो रओ चईये वैसई आओ, और तुमाओ बिसवास यीशु मसीह पै खीब जमो आय।
मैं ई काजें तोहां क्रेते में छोड़ आओ हतो, कि तें जौन बातें बचीं आंय उन हां ठीक ठाक करे, और जैसी मैंने कई हती कि हरएक जांगा पै प्राचीनन हां काम पै लगाए।
जदि कोऊ भूखो होबे, तो अपने घर में खा लेबे, जीसे तुमाओ इकट्ठो होबो दांड़ कौ काज न होबे: बची कुची बातन हां मैं आके सुदार दै हों।
जैसो दिन में सई लगत आय, ऊं सई हम सूदरी चाल चलें; न अपनी मनमौजीपन में, न परतिरिया भोग में, न दारूबाजी, न लुच्चपन में, न लड़ाई झगड़ा न डाह में।