23 सो जदि समाज एक जांगा जुड़ी होबे, और सबरे जने दूसरी दूसरी भाषा बोलें, और जौन पढ़ो लिखो नईंयां और बिसवास न करबेवारे मान्स भीतरे आ जाबें, तो का बे तुम हां पगला न कै हैं?
तो ऊ चाकर कौ मालक ऐसे दिना जीकी ऊ सोचत लौ न होय, और ऐसी बेरा जिए बो जानत न हो आ है, और कुल्ल दांड़ देकें ऊकौ हींसा बिसवास न करबेवारन के संग्गै ठैरा है।