ओई बेरा यीशु ने कई, हे बाप, सरग और धरती के पिरभू; मैं तोरो धन्न मानत हों, कि तेंने इन बातन हां पंडितन और शास्त्रियन से लुका के धरीं, और हलकन पे दरसाई आंय।
हे भईया हरौ, मैं नईं चाहत, कि तुम ई बात से अनजान रओ, कि मैंने तुम लौ बेर बेर आबो चाहो, कि जैसो मोय दूसरी जातवारन में फल मिलो, ऊं सई तुम में सोई मिले, पर अबै लौ रुको रओ।
तुमाए हुकम मानबे की बात सबरे मान्सन में फैल गई आय, ई लाने मैं तुमाए बारे में खुसी मनात आंव; परन्त मैं जौ चाहत आंव, कि तुम भलाई के लाने समजदार, परन्त बुराई के लाने भोले बने रओ।
जब मैं हलको बच्चा हतो, तो मैं हलके बच्चा घांई बोलत हतो, बच्चन के जैसो हिया हतो, बच्चन के जैसी समज हती; परन्त जब सियानो हो गओ, तो बच्चन की बातें छोड़ दईं।