10 संसार में बिलात भांत की भाषाएं बोली जात होबें, परन्त उन में कोऊ बिना मतलब की नईं होत हुईंयें।
ई लाने जदि मैं कोऊ भाषा कौ मतलब न समझों, तो बोलबेवारे की समज में मैं परदेसी ठैर हों; और बोलबेवारो मोरी समज में परदेसी ठैर है।
ऐसई तुम सोई जदि जीभ से साफ साफ बातें न कओ, तो जो कछु कओ जात आय, बो कैसे समजो जै है? तुम तो बैहर से बातें करबेवारे कहा हौ।