2 और जदि मैं अगमवानी कर सकों, और सब भेदों और ज्ञान को समजों, और मोय इते लौ पक्को बिसवास होबे, कि मैं पहारवन हां हटा देओं, परन्त प्रेम न धरों, तो मैं कछु लौ नईंयां।
ऊने उन से कई, अपने भरोसे की कमी से: कायसे मैं तुम से सांची कहत आंव, अगर तुमाओ भरोसा राई के दाने के बरोबर भी होबै, तो ई पहरवा से कै हौ, कि इते से हटके उते चलो जा, तो बो चलो जै है; और कोई बात तुमाए लाने अनहोनी न हुईये।
और गैल के मजारें एक अंजीर कौ पेड़ देख के ऊके ऐंगर गओ, पर पत्तन हां छोड़के कछु नईं मिलो तब ऊने कई, अब से तोमें कभऊं फल नईं लगें; अंजीर कौ पेड़ ओई घड़ी सूख गओ?
यीशु ने उन से कई, कि मैं तुम से सांची कहत आंव; कि अगर तुम भरोसा राखौ और शंका न करो; तो न केवल जौ कर हौ, जौन ई अंजीर के पेड़ के संग्गै करो गओ आय; वरन् ई पहरवा से कै हौ, कि उखड़ जा; और समुन्दर में चलो जा, तो जौ भी हो जै है।
अन्ताकिया की मडण्ली में कछु आगमवक्ता और गुरू हते; जैसे बरनाबास और शमौन जो नीगर कहात आय; लूकियुस कुरेनी, और देस की चौथाई के राजा हेरोदेस कौ दूधभाई मनाहेम और शाऊ ल।
हे भईया हरौ, कऊं ऐसो न होबै, कि तुम अपने आप हां समजदार मान लेओ; ई लाने मैं नईं चाहत कि तुम ई भेद से अनजान रओ, कि जब लौ दूसरी जातवारन कौ अंधबिसवास न मिट जाबै, तब लौ इस्राएल कौ एक भाग ऐंसई कठोर रै है।
हे मोरे भईया हरौ, मैं खुद तुमाए बारे में पक्के से जानत आंव, कि तुम सोई आप ही भलाई से भरे और पिरभु परमेसुर की समज से भरेपूरे आव और एक दूजे हां चिता सकत आव।
और परमेसुर ने मण्डली में अलग अलग मान्स राखे आंय; पेंला प्रेरित, दूजे अगमवकता, फिन गुरूजन, फिन अचरज के काम करबेवारे, फिन साजो करबेवारे, और भलाई करबेवारे, और मुखिया, और बिलात भांत की भाषा बोलबेवारे।
मैं मूरख तो बनो, अकेले तुम ने मोसे जौ जबरई करवाओ: तुम हां तो मोरी बड़वाई करो चईये, कायसे मानो में कछु नईंयां, अकेले उन सब बड़े बड़े प्रेरितन से कोई बात में घट नईंयां।
और मोरे लाने सोई, कि जब मैं परचार करों तो मोहां ऐसो तेज मिले, कि मैं हिम्मत से परमेसुर के बचन की छुपी बातन हां बताओं, जी के लाने मैं इते जंजीर से बंधो आंव।
धरम को भेद बड़ो आय ईको ध्यान धरियो; बो सरीर में होकें संसार में आओ जा बात आत्मा ने बताई, और सरगदूतन ने संसार मैं ईको परचार करो, मान्सन ने ऊ पै बिसवास करो और बो सरग पै उठा लओ गओ।