यीशु ने उन से कई, कि मैं तुम से सांची कहत आंव; कि अगर तुम भरोसा राखौ और शंका न करो; तो न केवल जौ कर हौ, जौन ई अंजीर के पेड़ के संग्गै करो गओ आय; वरन् ई पहरवा से कै हौ, कि उखड़ जा; और समुन्दर में चलो जा, तो जौ भी हो जै है।
परमेसुर ने कौन भांत से यीशु नासरी हां पवित्तर आत्मा और सामर्थ से भर दओ: बो भलाई करत, और सब हां जौन शैतान छलिया के सताए भए हते, साजो करत फिरो; कायसे परमसुर ऊके संग्गै हतो।
और परमेसुर ने मण्डली में अलग अलग मान्स राखे आंय; पेंला प्रेरित, दूजे अगमवकता, फिन गुरूजन, फिन अचरज के काम करबेवारे, फिन साजो करबेवारे, और भलाई करबेवारे, और मुखिया, और बिलात भांत की भाषा बोलबेवारे।
और जदि मैं अगमवानी कर सकों, और सब भेदों और ज्ञान को समजों, और मोय इते लौ पक्को बिसवास होबे, कि मैं पहारवन हां हटा देओं, परन्त प्रेम न धरों, तो मैं कछु लौ नईंयां।