22 परन्त देयां के बे अंग जौन औरन से कमजोर दिखात आंय, भौत जरूरी आंय।
आंख हाथ से नईं कै सकत, कि तें मोरे काम कौ नईंयां, और न मूड़ गोड़न से कै सकत आय, कि तें मोरे काम कौ नईंयां।
और देयां के जौन अंगों हां मान जोग नईं समजत आंय, उनई हां हम अधक मान देत आंय; और हमाए बुरय लगबेवारे अंग औरई बिलात अच्छे लगन लगत आंय।
तुन सोई जुड़के बिन्तवारी करके हमाओ हाथ बटा हौ, कि जौन बरदान मिलो आय, उनसे बिलात जनें हमाए लाने धन्न मानें।