19 जदि बे सबरे एकई अंग होते, तो देयां कां होती?
जैसे कि देयां में एकई अंग नईंयां, परन्त बिलात के आंय।
परन्त सांचई परमेसुर ने अंगों हां अपनी चाहना अनसार एक एक कर के देयां में धरो आय।
परन्त अब अंग तो बिलात आंय, परन्त देयां एकई आय।