18 कायसे कि पैले तो मैं जौ सुनत आंव, कि जब तुम मण्डली में जुड़त आव, तो तुमए बीचा फूट रैत आय और मैं कछु कछु सांची सोई मानत आंव।
कायसे तुन अब लौ सारीरिक आव, कि जब तुम में जलन और झगड़ा आय, तो का तुम सारीरिक नईंयां? और मान्सन जैसी गैल नईं निंगत?
इतै लौ सुनबे में आत आय, कि तुम में कुकर्म होत आय, ऐसो पाप जौन दूसरी जातवारन में लौ नईं होत, कि एक जनो अपने बाप की घरवारी हां राख लेत आय।
का तुम में से कोऊहां ऐसी हिम्मत आय, कि जब दूसरे जनें से न्याव होबे, तो निपटाबे हां पापी मान्सन लौ जाए; और पवित्तर मान्सन लौ न जाबै?