10 ई लाने सरगदूतन के काजें बईयर हां सई आय, कि अधीनता कौ मान अपनी मूड़ पे धरे।
सारा सें ऊने कई, “हेर, मैंने तोरे भईया हों चांदी के एक हजार टुकड़ा दए आंय। ईसें तें अपने मान्सन की नज़र में निरदोस ठैराई जैहे, और सब के सामूं तें दोसमुक्त ठैरहै।”
कायसे तोरे लाने कनवा होकें सरग के राज्य में जाबो ईसे कहूं भलो आय, कि तें दो आंखें रहत भए नरक की आगी मैं डारो जाबै।
परन्त पिरभु में न तो बईयर बिना मन्सेलू के, न मन्सेलू बिना बईयर के आय।
और मन्सेलू बईयर के लाने नईं रचो गओ, परन्त बईयर मन्सेलू के लाने रची गई आय।
सरगदूत जौन को तरन तारन हो गओ; उनकी सेवा खुसामद को आंय।