1 तुम मोरी सी चाल चलो जैसो मैं मसीह की सी चाल चलत आंव।
जैसो मैं सोई सबरी बातन में सबरन को खुस राखत आंव, और अपनो नईं, परन्त बिलात जन कौ फायदा सोचत आंव, कि बे तरन तारन पाबें।
ई लाने मैं तुम से बिन्तवाई करत आंव, कि मोरी सी चाल चलो।
भईया हरौ, तुम सबरे जनें मोरे घांई चलो, और उन हां देखो, जौन हमाए जैसी चाल चलत आंय।
और तुम ने बड़े दुख में परन्त पवित्तर आत्मा में खुसी से बचन हां अपने मन से मानो और हमाए जैसो चले।
ऐसो नईंयां, कि हम ऐसो नईं कर सकत हते; परन्त हम ने तुमाए लाने सीख धरी, कि तुम सोई हमाए जैसो करो।
सो आलसी न बनो; परन्त अपने बिसवास में बने रओ, और जब लौ परमेसुर ने उन हां बे बातें न दईं जी की उन ने कई हती धीरज धरो।