मोरो कैबो जौ आय; कि जदि कोऊ बिसवासी कहाबे, और परतिरिया संगतवारो, लालची, मूरतन की पूजा करबेवारो, गाली देबेवारो, दारू पीबेवारो, या अंधेर करबेवारो होबै, तो ऊ की संगत न करियो; इते लौ कि ऐसे मान्स के संग्गै रोटी सोई न जेईयो।
का तुम हां पता नईंयां, कि जौन न्याव बिलोरत आंय बे परमेसुर के राज में न जा पा हैं? ई धोखे में न रईयो, न बेश्या से संगतवारे, न मूर्ती पूजा करबेवारे, न दूसरे की तिरिया से संगत करबेवारे, न लुच्चे, न लुगुवा लुगुवा से संगत करबेवारे।
परन्त सबरन हां ऐसो ज्ञान नईंयां; परन्त कितेक जनें अब लौ मूरत हां कछु समजबे के कारण मूरतन के सामूं बलि करी गई कछु बस्त जानके खात आंय, और उन कौ हिया कमजोर होकें असुद्ध होत आय।