5 अकेले परमेसुर उन में से बिलात जन से खुस नईं भओ, ई लाने बे हार में मर गए।
और परमेसुर चालीस बरस लौ की से परेसान रय? का उनईं से नईं, जौन ने पाप करो, और जिनकी लासें रस्ता में डली रईं?
तुम हां सबरी बातें एक बेर बताई आंय, परन्त फिन के बताओ चाहत आंव, कि परमेसुर ने एक बिरादरी के लोगन हां मिश्र देस से छुड़ाओ, परन्त जिन ने उनकी नईं मानी उन हां मार डालो।