3 और सबरन ने एकई आत्मिक भोजन करो।
उनकी भूख मिटाबे हों आकास सें उनें भोजन दओ और उनकी प्यास बुझाबे हों चट्टान में सें उनके लाने पानू काड़ो, और उनहों हुकम दओ कि जौन देस हों मैंने तुमें दैबे की कौल खाई आय, ऊके अधकारी होबे हों तुमोंरें ऊमें जाओ।
बल्कि तेंनें उनहों समजाबे के लाने अपनी आत्मा हों जौन भली आय दई, और अपनो मन्ना उनहों खिलाबो नईं छोड़ो, और उनकी प्यास बुझाबे हों पानी देत रओ।