27 और जदि दूसरी जातनवारन में से कोई तुम हां नेवता देबे, और तुम जाओ चाहो, तो जो कछु तुमाए सामूं धरो जाबे, ओई खाओ: और हिये के सोच के काजें कछु न पूछो।
और पलो भओ बकरा लाके मारो कि हम खाबें और खुसी मनाबें।
जौ तक के सबरे मान्स कुड़कुड़ा के कैन लगे, बो तो एक पापी मान्स के घरै जा उतरो आय।
जौन कछु कसाईयन के इते बिकत आय, बो खाओ और हिये में कोनऊं सोच न करो।
हम तुम हां और कछु नईं लिखत, अकेले बेई बातें जौन तुम पढ़त और मानत आव, और मोहां आस आय, कि अन्त लौ मानत रै हौ।
और हम ने बुरय कामन हां छोड़ दओ आय, और बनके नईं चलत, और न परमेसुर के बचन में कछु मिलात आंय, अकेले सांची बातें उजागर करत आंय, और परमेसुर हां जानत भए सबरन के हिये पै अपनी बात बैठा देत आंय।
सो पिरभू से डराके हम सबरन हां समझात आंय, कायसे हमाओ सबरो हाल परमेसुर हां पता आय; हमें ऐसी आस आय, कि हमाए हिये हां सोई पता आय।