तें को आय कि दूसरे के चाकर पे लांछन लगात आय? ऊकौ पक्को रैबो या गिर जाबो ऊके मालक से जुड़ो आय, और बो पक्को कर ही दओ जै है; कायसे पिरभु ऊ ए पक्को राख सकत आय।
ऐई से मैं जे दुख उठा रओ आंव, और लजात नईंयां, कायसे मैंने जिन पै बिसवास धरो आय उन हां जानत आंव; और मोहां पक्को आय, कि जौन जीवन मैंने उन हां दे दओ आय ऊहां साजो धरे रै हैं।
अब परमेसुर जौन सबरी दया कौ दाता आय, जीने तुम हां मसीह में अपनी सदा की मईमा के लाने बुलाओ आय, तुमाए तनक बेरा लौ पीड़ा उठाबे के पाछें खुद तुम हां सिद्ध, पक्को, सकतीवान और पक्को कर है।
परन्त पिरभु कौ दिन भड़या घांई आ जै है, ऊ दिन आकास बड़ी हड़बड़ाहट की गरजन से जात रै है, सबरी चीजें बिलात तांती होकें पिघल जै हैं, धरती और ऊ पे के काम जल जें हैं।