कायसे जब परमेसुर के ज्ञान अनसार संसार ने ज्ञान से परमेसुर हां न चीनो तो परमेसुर हां जौ साजो लगो, कि ई परचार की मूरखता द्वारा बिसवास करबेवारन हां तरन तारन देबे।
परन्त सारीरिक मान्स परमेसुर की आत्मा की बातें नईं अपनात, कायसे बे बातें ऊ की समझ सें मूरखता की बातें आंय, और बो उन हां समज नईं सकत कायसे उनकी परख आत्मिक रूप से होत आय।
बो कमजोरी में क्रूस पै चढ़ाओ तो गओ, अकेले परमेसुर के बल से अबै जीयत है, हम तो सोई उन में कमजोर आंय; अकेले परमेसुर के बल से जौन तुमाए लाने आय, उनके संग्गै जी हैं।