21 कायसे जब परमेसुर के ज्ञान अनसार संसार ने ज्ञान से परमेसुर हां न चीनो तो परमेसुर हां जौ साजो लगो, कि ई परचार की मूरखता द्वारा बिसवास करबेवारन हां तरन तारन देबे।
ओई बेरा यीशु ने कई, हे बाप, सरग और धरती के पिरभू; मैं तोरो धन्न मानत हों, कि तेंने इन बातन हां पंडितन और शास्त्रियन से लुका के धरीं, और हलकन पे दरसाई आंय।
ओई बेरा यीशु पवितर आत्मा में होकें खुसी से भर गओ, और कैन लगो; हे बाप, सरग और संसार के पिरभु, मैं तोरो धन्नवाद करत आंव, कि तेंने जे बातें बुद्धिमानों और समजवारन से लुका रखीं, और बच्चन पे उजागर करी आंय, हओ, हे बाप, कायसे तोहां जौई साजो लगो।
परन्त सारीरिक मान्स परमेसुर की आत्मा की बातें नईं अपनात, कायसे बे बातें ऊ की समझ सें मूरखता की बातें आंय, और बो उन हां समज नईं सकत कायसे उनकी परख आत्मिक रूप से होत आय।
का तुम हां जौ पता नईंयां, कि पवित्तर मान्स संसार कौ न्याव कर हैं? सो जब तुम हां संसार कौ न्याव करने आय, तो का तुम हलके से हलके न्याव निपटाबे के जोग नईंयां?
तो हम ऐसे अच्छे तरन तारन के रस्ता हां जानके कैसे बचे जात आंय? पिरभू ने पेंला ईहां हमें बताओ, और जिन ने जो बचन सुनो और मानो ईसे हमें पक्को हो गओ कि जौ सांचो आय।
हे पापीनिओ, का तुम नईं जानत, कि संसार से दोस्ती करबो परमेसुर से बैर धरबो आय? सो जो कोऊ संसार कौ दोस्त होबो चाहत आय, बो अपने आप हां परमेसुर कौ बैरी बनात आय।