19 कयसे लिखो आय, कि मैं बड़ी समाजवारे जनन की समज हां नास कर दै हों, और ज्ञानी जनन के ज्ञान हां मिटा डाल हों।
कायसे ई संसार कौ ज्ञान परमेसुर के सामूं मूरखपन आय, जैसो लिखो आय; कि बो ज्ञानियन हां उनईं की चतुराई में फंसा देत आय।
हम मसीह के लाने मूरख आंय; परन्त तुम ज्ञानवान आव: हम कमजोर आंय और तुम बली आव: तुमहां मान दओ जात आय, और हम हां ओछो लेखो जात आय।
हे भईया हरौ, मैंने इन बातन में अपनी और अपुल्लोस की कनौत सी कई, कि तुम हम से जौ सीखो, कि जैसो लिखो आय ऊसे आंगू न बढ़ियो, एक हां बड़ो और दूसरे हां ओछो न जानियो।