32 ऊके भईयों मतलब कहातियों में सें कछु तौ भेंटवारी रोटी के अधकारी हते, कि हरएक बिश्रामदिना हों ऊहों तईयार करो करें।
ऊने तो परमेसुर के मन्दर में पिड़के, भेंट की रोटियां खाईं, जिन हां खाबो न तो ऊके लाने और न ऊके संगियन के लाने, पर केवल याजकन के लाने सही हतो।