29 जब यहोवा परमेसुर की बाचा कौ संदूक दाऊदपुर में पोंचो तब शाऊल की मोंड़ी मीकल ने जंगला में सें झांककें दाऊद राजा हों कूदत और खेलत भए हेरो, और ऊए मनई मन तुच्छ जानो।
जब दाऊद अपने भवन में रैन लगो, तौ दाऊद ने नातान आगमवक्ता सें कओ, “हेर, मैं तौ देवदार के बने भए घर में रैत आंव, परन्त यहोवा परमेसुर की बाचा कौ संदूक तम्बू में रैत आय।”
परन्त सारीरिक मान्स परमेसुर की आत्मा की बातें नईं अपनात, कायसे बे बातें ऊ की समझ सें मूरखता की बातें आंय, और बो उन हां समज नईं सकत कायसे उनकी परख आत्मिक रूप से होत आय।
उते सुन्ने की धूपदानी और बाचा को बक्सा जौन चारऊ ओर सुन्ने से मढ़ो हतो, जीमें मन्ना से भरो सुन्ने को मर्तबान, हारून की छड़ी जीमें फूल कड़ आए हते, और पथरा की पटिया जी पै दसई अग्यां लिखी हतीं।
तब तुम उनहों जौ जवाब देओ, कि यरदन कौ पानूं यहोवा परमेसुर की बाचा के बक्सा के सामूं सें दो भाग हो गओ हतो; कायसे जब ऊ यरदन पार आ रओ हतो, तब यरदन कौ पानूं दो भाग हो गओ। सो बे पथरा इस्राएल हों हमेसा के लाने याद दिलाबेवारे ठैरहें।”