फिन रिबका ने इसहाक सें कई, “हित्ती मोंड़ियों के कारन मैं अपने प्रान सें घिन करत आंव; ई लाने जदि एैसी हित्ती मोंड़ियों में सें, जैसी ई देस की मोंड़ियां आंय, याकूब भी एक हों ब्याह ले, तौ मोरे जीवन में का फायदा हुईये?”
जौ सुनकें हित्ती, एमोरी, कनानी, परिज्जी, हिब्बी और यबूसी, जितेक राजा यरदन के ई पार पहाड़ी देस में और खालें के देस में, और लबानोन सामूं के महासमंदर के किनारे पै रैत हते,