अर उनकी पीड़ा का धुम्मा युगानुयुग उठदा रहवैगा, अर जो उस पशु अर उसकी मूर्ति की पूजा करै सै, अर जो उसकै नाम की छाप लेवैं सै, उन ताहीं दिन-रात चैन न्ही मिलैगा।
अर चौथे सुर्गदूत नै तुरही फूक्की, अर सूरज का एक तिहाई हिस्सा, अर चाँद का एक तिहाई हिस्सा अर तारां कै एक तिहाई हिस्से पै आफ्फत आई, ताके उनका एक तिहाई हिस्सा अन्धेरै म्ह डूब जावै, अर दिन कै एक तिहाई हिस्से म्ह चाँदणा न्ही रहया, अर उस्से तरियां एक तिहाई रात भी बिना चाँदणे की हो गई।
अर मन्नै अपणे दर्शन म्ह घोड़े अर उसके इसे सवार दिक्खे, उनकै धोरै कवच था जो लाल, गहरा नीला अर गन्धक की तरियां पीळा था, अर उन घोड्या के सिर शेर कै सिर बरगे थे, अर उनके मुँह तै आग, अर धुम्मा, अर गन्धक लिकड़ै थी।