प्रकाशित वाक्य 8:7 - हरियाणवी7 पैहले सुर्गदूत नै तुरही फूक्की, अर लहू तै मिले होड़ ओळे अर आग पैदा होई, अर धरती पै गेरी गई, अर धरती का एक तिहाई हिस्सा जळग्या, अर दरख्तां का तीसरा हिस्सा जळग्या, अर सारी हरी घास भी जळगी। အခန်းကိုကြည့်ပါ။ |
अर मन्नै निगांह करी, अर देक्खो, एक पीळा-सा घोड़ा सै, अर उसकै सवार का नाम मौत सै: अर अधोलोक उसकै पाच्छै-पाच्छै आण लागरया था, अर उन ताहीं धरती पै रहण आळे चार माणस (या एक चौथाई माणसां) म्ह तै एक-एक ताहीं मारण का हक मिल्या, उननै तलवार, भूख, बीमारी, अर धरती के जंगली-जानवरां कै जरिये माणसां ताहीं मार दिया।
उसकै पाच्छै मन्नै दुनिया कै च्यारु कुणयां पै चार सुर्गदूत खड़े देक्खे, उन सुर्गदूत्तां नै परमेसवर तै यो हक मिल्या था, के वे दुनिया के माणसां ताहीं मरी तै मारै, चाहे वे धरती पै हो या समुन्दर पै हो, उननै हवा ताहीं धरती के च्यारु कुणयां पै तै रोक राख्या था, ताके हवा धरती, समुन्दर, या किसी भी जंगल तै ना गुजरे, अर मन्नै एक और सुर्गदूत ताहीं पूरब दिशा की ओड़ आन्दे देख्या, उसके हाथ म्ह परमेसवर की ओड़ तै एक मोंहर थी, जो युगानुयुग जिन्दा सै, उस सुर्गदूत नै ऊँच्ची आवाज म्ह दुसरे चार सुर्गदूत्तां तै यो कह्या।