फेर उस्से बखत एक बड्ड़ा भूकम्प यरुशलेम नगर म्ह होया, अर नगर का दसमां हिस्सा पड़ग्या, अर उस भूकम्प तै सात हजार माणस मरगे अर बाक्की बचे होड़ माणस डरगे, अर सुर्ग के परमेसवर की महिमा करी।
जिब मेम्ने नै छटी मोंहर खोल्ली, तो मन्नै देख्या, के एक बड्ड़ा हाल्लण होया, अर सूरज का रंग मोट्टे काळे काम्बळ की ढाळ काळा पड़ग्या, अर पूरा चाँद लहू जिसा लाल होग्या।
फेर एक और सुर्गदूत सोन्ने का धूपदान लिए होड़ आया, अर वेदी कै लोवै खड्या होया, अर उस ताहीं भोत सारी धूप दी गई, ताके वो उस ताहीं सारे पवित्र माणसां की प्रार्थना कै साथ उस सोन्ने की वेदी पै भेट चढ़ावै जो सिंहासन कै स्याम्ही सै।