प्रकाशित वाक्य 7:1 - हरियाणवी1-2 उसकै पाच्छै मन्नै दुनिया कै च्यारु कुणयां पै चार सुर्गदूत खड़े देक्खे, उन सुर्गदूत्तां नै परमेसवर तै यो हक मिल्या था, के वे दुनिया के माणसां ताहीं मरी तै मारै, चाहे वे धरती पै हो या समुन्दर पै हो, उननै हवा ताहीं धरती के च्यारु कुणयां पै तै रोक राख्या था, ताके हवा धरती, समुन्दर, या किसी भी जंगल तै ना गुजरे, अर मन्नै एक और सुर्गदूत ताहीं पूरब दिशा की ओड़ आन्दे देख्या, उसके हाथ म्ह परमेसवर की ओड़ तै एक मोंहर थी, जो युगानुयुग जिन्दा सै, उस सुर्गदूत नै ऊँच्ची आवाज म्ह दुसरे चार सुर्गदूत्तां तै यो कह्या। အခန်းကိုကြည့်ပါ။ |