हे पिता, मै चाहूँ सूं, के जिन ताहीं तन्नै मेरैताहीं सौप्या सै, जड़ै मै सूं उड़ै वे भी मेरै गेल्या हो, के वे मेरी उस महिमा नै देक्खै जो तन्नै मेरैताहीं दी सै, क्यूँके तन्नै दुनिया नै बणाण तै पैहल्या मेरतै प्यार करया सै।
इब जो हम परमेसवर के बारें म्ह जाणा सां, वो सब शीशे म्ह धुँधळा दिखाई देण की ढाळ सै, पर बाद म्ह हम उस ताहीं आम्ही-स्याम्ही देक्खांगें, इब्बे हम सब कुछ न्ही जाणते, पर बाद म्ह हम सब किमे जाण जावांगे जिस तरियां परमेसवर म्हारे ताहीं जाणै सै।
पर उसकै बाद मन्नै कुछ और भी देख्या, वो मेम्ना सिय्योन पहाड़ पै खड्या सै, अर उसकै गेल्या एक लाख चवाळीस हजार माणस सै, जिनकै माथ्थै पै उसका अर उसकै पिता का नाम लिख्या होड़ सै।
वे लोग जो बुराई की ताकत पै जीत पावै सै, उन ताहीं मै अपणे परमेसवर कै मन्दर म्ह खम्बा बणाऊँगा, वो फेर कदे बाहरणै न्ही लिकड़ैंगे, अर मै अपणे परमेसवर का नाम, अर अपणे परमेसवर के नगर, यानिके नये यरुशलेम का नाम, जो मेरै परमेसवर की ओड़ तै सुर्ग पै तै उतरण आळा सै, अर अपणा नया नाम उसपै लिखूँगा।